सरकार की एेसी क्या मजबूरी, पर्यटकों को पिलाने को पानी तक नहीं
अलवर. बाघों के चलते देश दुनिया में ख्याति पा चुके सरिस्का बाघ परियोजना को पर्यटकों से हर साल दो करोड़ से ज्यादा आय होती है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर परियोजना क्षेत्र में पीने के लिए ठण्डा पानी तक नहीं मिलता। अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए भी पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक बाघ देखने के लिए सरिस्का बाघ परियोजना में आते हैं। इससे सरिस्का व सरकार को लाखों रुपए की आय हुई है। आंकड़ों के अनुसार सरिस्का में हर साल करीब 50 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। इनसे सरिस्का को हर साल 2 करोड़ से ज्यादा की आय होती है। इतना बड़ा राजस्व मिलने के बाद भी पर्यटक मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं।
न बैठने की जगह, न पीने को ठंडा पानी
हर महीने लाखों का राजस्व देने के बाद भी पर्यटक सरिस्का में खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। न तो बैठने के लिए पर्याप्त स्थान है और न ही पीने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था। पर्यटकों के लिए लगा वाटर कूलर दो साल से खराब है। शौचालय की स्थिति भी दयनीय है। टिकट खिडक़ी समय पर नहीं खुलने से गर्मी में पर्यटकों को धूप में इधर-उधर भटकना पड़ता है। इतना ही नहीं एनआईसी कक्ष भी कभी-कभार ही खुलता है, जबकि इसे दिखाने के लिए पर्यटकों से अलग से चार्ज लिया जाता है।