ऐसे वीडियो को किसी ओर को फॉरवर्ड करना कानूनी अपराध है.
इस तरह के काम को आइपीसी की धारा 228 ए के साथ आइटी एक्ट की धारा 67 व 67ए के तहत अपराध माना गया है.
राजस्थान के अलवर जिले के थानागाजी थाना क्षेत्र में दबंगों द्वारा दलित महिला के साथ गैंगरेप का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है. जिसकी वजह से पीड़िता की पहचान साफ तौर पर उजागर हो रही है. नियमों के मुताबिक ऐसे वीडियो को किसी ओर को फॉरवर्ड करना कानूनी अपराध है. इस तरह का काम को आइपीसी की धारा 228 ए के साथ आइटी एक्ट की धारा 67 व 67ए के तहत अपराध माना गया है. इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल से 5 साल तक की सजा व 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. साथ ही गैंगरेप का वीडियो किसी शख्स के मोबाइल में पाये जाने पर पर उसके खिलाफ महिला अशिष्ट रूपण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. जिसके लिए दो साल की सजा व दो हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है.
धारा 67 व 67ए- कोई भी ऐसी इलेक्ट्रॉनिक सामग्री जिसमें स्पष्टत: यौन संबंधी सामग्री, कृत्य अथवा व्यवहार से प्रदर्शित हो. पांच साल तक की सजा हो सकती है.