आखिर ओमप्रकाश राजभर की पारी 20 मई के दिन खत्म हो ही गई. यूपी मंत्रिमंडल से उनको बर्खास्त कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी. राज्यपाल राम नाईक ने आदित्यनाथ की सिफारिश मंजूर कर ली है. राजभर योगी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे. ओमप्रकाश राजभर के साथ ही उनकी पार्टी के निगम और परिषदों के अध्यक्ष और सदस्यों को भी तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. ओमप्रकाश राजभर ने इस फैसले पर कमेंट करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत करते हैं. गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है.
क्यों हटाया गया राजभर को?
ओमप्रकाश राजभर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते थे. वे अक्सर योगी सरकार की आलोचना करते रहते थे. उसे पिछड़ा वर्ग विरोधी करार देते रहे हैं. राजभर अपने विवादित बयानों और हरकतों की वजह से योगी सरकार के लिए लगातार मुसीबत बने हुए थे. इसी के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनको पद से हटाने की सिफारिश राज्यपाल से की. सीएम ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया-
‘योगी आदित्यनाथ ने महामहिम राज्यपाल को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की सिफारिश की.’